टोपी उछालने का मतलब
समाचार पत्रों में यदा कदा किसी शिक्षण संसथान के वार्षिक समारोह या किसी कोर्स के पूरा होने पर डिग्री या उपाधि देने के समारोह के दौरान समारोह के अंत में प्रशिक्षित विधार्थियों का अपने टोपी उछाल कर हर्ष को प्रदर्शित करने के फोटो छपते रहते है इन फोटो को देख कर मुझे हमेशा से ही यह महसूस हुआ की ये जो परंपरा इसकी शुरुवात कहीं से भी हुई हो गलत है हाल ही में मेरठ में हुए दीक्षांत समारोह के दौरान अंत में टोपी उछालते हुए प्रशिक्षित विधार्थियों का फोटो दैनिक जागरण में देखा तो में अपने को इसके ऊपर लिखने से रोक नहीं सका
हमारे भारतीय संस्कारों में टोपी का विशेष महत्व है टोपी को एक इज्जत के रूप में जाना जाता है कई मुहावरे भी इसी आधार पर बने है जैसे सरे बाज़ार टोपी उछालने का मतलब इज्जत उछालने से है या टोपी पैरों के निचे मसलना इज्जत का कबाड़ा करने से है या टोपी को किसी के हाथ में रख देने का मतलब मेरी इज्जत आपके हाथ में है टोपी निचे न गिरने देने का मतलब इज्जत संभाले रखने से है टोपी सरे आम नीलाम करने का मतलब सरे आम बेइज्जत करने से है
तमाम ऐसे उदाहरण है जिसमें टोपी को भारतीय संस्कृति में इज्जत के रूप में देखा जाता है यही नहीं अन्य देशो में भी टोपी को आदर का दर्जा दिया जाता है घरों में भी टोपी रखने के स्थान होता या दिवार पर टांगने के लिए बाकायदा जगह बनी होती है या लकड़ी का फ्रेम बना कर उस पर खूंटी लगायी जाती है जिस पर टोपी टांगी जा सके
तो इतनी महत्वपूर्ण चीज को उछाल कर ख़ुशी का इजहार करने की परंपरा समझ से परे है जो उछालने के पश्चात् जमीन पर गिरती है जिस टोपी को पाने के लिए आपने इतनी मेहनत की उस टोपी को उछाल कर ख़ुशी जाहिर करना, उस टोपी का या दुसरे शब्दों में उस डिग्री का निरादर करने जैसा है
इस गलत परंपरा पर शिक्षण संस्थानों को ध्यान देना चाहिए और इस पर रोक लगानी चाहिए जिससे एक गलत परंपरा का अंत हो !
आशुतोष दा
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