- 14 Posts
- 117 Comments
यह एक अच्छा सन्देश है की कुछ फ़िल्मी सितारों ने समाज में फैली बुराइयों को हटाने की मुहीम चलाई वर्ना तो ले दे कर सभी फ़िल्मी सितारे निर्माता निर्देशक फिल्मे बनाओं और जेब भरों पर ही काम करते है उन्हें नहीं पता की उनकी फिल्मों का कितना असर जनता पर पड़ता है तमाम हीरो हेरोइने पैसे के लिए न जाने किन किन चीजो का विज्ञापन करते है चाहे वो खुद भी उसका इस्तेमाल करते हो या न हो ये जानते हुए की जनता के लिए ये हानिकारक पदार्थ है फिर भी वो इसका विज्ञापन करने से बाज़ नहीं आते हमारे बच्चो को तरह तरह के जंकफूड को खाने के लिए उकसाते हीरों हिरोइन समाज के प्रति अपनी जरा सी भी जिम्मेदारी नहीं समझते की जनता उनकी बातों को कितनी गहराई से सोचती है और उस पर अमल करती है हमारी भारतीय नारी फ़िल्मी हीरोइनों को देख कर उस पर कितना अमल करती है ये तो जग जाहिर है
हाल ही में आमिर खान को बच्चों में कुपोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने की मुहीम चलाते देख कर ताज्जुब हुआ की यह फ़िल्मी हीरों समाज के प्रति कितनी जवाब देहि अपने अंदर समेटे हुए है इसकों पता है की हम समाज में कितना महत्व रखते है अगर इस मुहीम में फ़िल्मी हेरोइने भी साथ दे तो अपनी फिगर ख़राब होने के डर से बच्चो को माँ के दूध से वंचित करने वाली तमाम भारतीय नारीओं को अच्छा सन्देश जाये और एक स्वस्थ नई पीडी का उदय हो!
संसद सदस्यों को इस मुहीम में हिस्सा बनाने के बजाय आमिर फ़िल्मी हीरोइनों को इसका हिस्सा बनायें तो इस अभियान को ज्यादा सफलता मिलेगी संसंद सदस्यों का इस मुहीम से कही भी लेना देना नहीं वो तो संसद ही ढंग से चला ले तो बहुत है
माँ के ढूध के साथ साथ यदि इस अभियान में आमिर खान जी भारत में निर्यात के लिए हो रहे दुधारू पशुओं के कटान को रोकने पर भी ध्यान दें तो सोने पे सुहागा वाली बात चरितार्थ होगी दुधारू पशुओ की संख्या में हो रही भारी गिरावट ने ढूध की कीमतों का पिछले दस सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिया है पिछले दो वर्षो में ही ढूध की कीमतों में दोगुनी वृद्धि दर्ज की है यही हाल रहा तो घी दूध दही से लाबा लब रहने वाले इस कृष्ण के देश में ये सब चीजे केवल चखने मात्र की वस्तु न बन जाये
यही नहीं आमिर जी से मेरा अनुरोध है की वे इस पर एक विज्ञापन बना कर टी वी पर प्रसारित करें जिसमें माँ का दूध के साथ साथ दुधारू पशुओं की महत्ता का भी विश्लेषण हो
शुभ कामनाओं के साथ
आशुतोष दा
Read Comments